टौंस वन प्रभाग पुरोला के द्वारा वनाग्नि सुरक्षा व चीड़ पिरुल की ब्रिकेट्स व अन्य स्थानीय उत्पादों को तैयार करने की विधि कार्यशाला का हुआ आयोजन
मोरी – टौन्स वन प्रभाग, पुरोला की सान्द्रा रेंज में नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना के कैट प्लान के अन्तर्गत वनाग्नि सुरक्षा व चीड़ पिरुल की ब्रिकेट्स व अन्य स्थानीय उत्पादों को तैयार करने की विधि आदि विषयों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उप वन संरक्षक टौन्स वन प्रभाग कुन्दन कुमार, वन क्षेत्राधिकारी सान्द्रा रेंज यशपाल वन क्षेत्राधिकारी सिंगतूर रेंज अमिता सान्द्रा एवं सिंगतूर रेंज के फील्ड कार्मिक तथा रेंज के विभिन्न ग्रामों के ग्राम प्रधान, वन पंचायत सरपंच तथा ग्रामवासियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर टौन्स वन प्रभाग, पुरोला द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्राथमिक अस्पताल मोरी से डॉ0 रोबिन कुमार, चिकित्सा अधिकारी, दिनेश भट्ट, फार्मासिस्ट तथा श्री रहीश चौहान, नर्सिंग अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यशाला में सम्बन्धित विषयों पर व्याख्यान हेतु वन अनुसंधान संस्थान देहरादून से विषय विशेषज्ञों को आमन्त्रित किया गया था। कार्यशाला के प्रथम दिवस वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के विशेषज्ञों भारतीय वन सेवा की अधिकारी विजय रात्रे, सहायक वन संवर्धनिक, मोहित हुसैन, वैज्ञानिक-बी तथा डा0 अमित कुमार वर्मा, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी द्वारा वनाग्नि घटनाओं के कारण, वनाग्नि के परिणाम तथा वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों के उपचार तथा वनाग्नि प्रशमन हेतू विभिन्न यन्त्रों के उपयोग के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई तथा इन यन्त्रों को प्रयोगात्मक रुप में प्रयोग करके इनके संचालन के विषय में भी बताया गया। कार्यशाला के प्रथम दिवस पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, मोरी के प्रतिनिधियों द्वारा 34 ग्रामवासियों का प्राथमिक परीक्षण/उपचार किया गया जिसमे टोंस वन प्रभाग, पुरोला द्वारा मुफ्त दवाईयों का वितरण किया गया।
कार्यशाला के द्वितीय दिवस में वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के विशेषज्ञों में सुशील भट्टाराई, वरिष्ठ तकनीशियन एवं दीपिका, तकनीकी सहायक द्वारा पिरुल की पत्तियों से फाईबर/रेशा बनाने की विधि पर विस्तारपूर्वक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया तथा पिरुल की पत्तियों से फाईबर बनाने के चरणों का प्रयोगात्मक अंश भी कार्यशाला में प्रदर्शित किया गया। सिंगतूर एवं सान्द्रा रेंज से उपस्थित ग्रामवासियों द्वारा पिरुल की पत्तियों से फाईबर बनाने की इस विधि पर कार्य करने की उत्सुकता दर्शायी गई। कार्यशाला के द्वितीय दिवस पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, मोरी के प्रतिनिधियों द्वारा 23 ग्रामवासियों का प्राथमिक परीक्षण/उपचार किया गया जिसमे टोंस वन प्रभाग, पुरोला द्वारा मुफ्त दवाईयों का वितरण किया गया।
इस अवसर पर कार्यशाला में उपस्थित ग्रामवासियों को टौन्स वन प्रभाग, पुरोला द्वारा शीतकालीन रोपण हेतु उपयुक्त फलदार प्रजातियों जैसे- आड़ू व अखरोट इत्यादि के पौधों का निःशुल्क वितरण किया गया। ग्रामीणों ने उप वन संरक्षक कुंदन कुमार की इस पहल की भूरी भूरी प्रशंसा की।आपको बताते चलें कि जहाँ भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कुन्दन कुमार ने जनप्रतिनिधियों का विरोध भी झेला है वहीं ग्रामीण उनके कार्यों की सराहना भी कर रहे हैं।कुछ शरारती तत्वों द्वारा ईमानदार अधिकारी को जानबूझकर बदनाम करनी की रातदिन साजिश करते आ रहे हैं।सूबे के मुखिया से लेकर वन मंत्री के दरबार में ट्रांसफर के लिए दौड़ लगा रहे हैं।जबकि आम जनता उनके कार्यों से बेहद खुश है।सरकार को ऐसे अधिकारी का मनोबल बढ़ाना चाहिए न कि ट्रांसफर।