एसटीएफ ने 25 वर्ष से फरार 02 लाख का ईनामी हत्याआरोपी सुरेश शर्मा को जमशेदपुर, झारखण्ड से किया गिरफ्तार
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ की स्मार्ट पुलिसिंग में उत्तराखंड एसटीएफ ने साबित किया अपना दमखम–पिछले 25 वर्ष से फरार 02 लाख का ईनामी हत्याआरोपी सुरेश शर्मा को जमशेदपुर, झारखण्ड से किया गिरफ्तार
देहरादून – उत्तराखंड में संगठित अपराधियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु वर्ष 2005 में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया था। स्पेशल टास्क फोर्स को अंग्रेज सिंह जो मय सहअभियुक्तों के पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था और दूसरा सुरेश शर्मा जिसने तीर्थ नगरी बद्रीनाथ में सरेआम डीजीसी बालकृण भट्ट की हत्या की थी, तत्समय एस.टी.एफ. को मुख्य रूप से इन कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार करने के 02 प्रमुख टास्क दिये गये थे, जिनमें से अंग्रेज सिंह को वर्ष 2007 में नागपुर में उत्तराखंड पुलिस के द्वारा मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
उपरोक्त शातिर अपराधियों में से सुरेश शर्मा उपरोक्त लगातार फरार था । इसकी गिरफ्तारी के लिये एस0टी0एफ0, उत्तराखण्ड स्थापना के समय से गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, दिल्ली व अन्य राज्य के विशेष पुलिस बल भी गिरफ्तारी का प्रयास कर रहे थे। किंतु सफलता प्राप्त नहीं हो पाई ।
नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक,उत्तराखण्ड, श्री दीपम सेठ महोदय द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में जघन्य अपराधों में लम्बे समय से वांछित इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ श्री नवनीत सिंह भुल्लर को विशेष रूप से निर्देशित किया गया । उक्त निर्देश के क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ नवनीत सिंह द्वारा पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ आर0बी0 चमोला के निकट पर्यवेक्षण में एक टीम का गठन कर उपरोक्त लम्बे समय से फरार अपराधी की गिरफ्तारी हेतु उचित दिशा-निर्देश दिये गये।
पकड़े गए ईनामी अपराधी सुरेश शर्मा की गिरफ्तारी के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था इस मुख्यालय नीलेश आनंद भरणे द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि एसटीएफ की गठित टीम द्वारा पूर्व में प्राप्त तकनीकी तथा भौतिक सूचनाओं का वर्तमान में प्राप्त सूचनाओं से मिलान करते हुये अपने अथक प्रयास से उक्त अपराधी की पहचान स्थापित की, तत्पश्चात दिनांक 23 जनवरी 2025 को निरीक्षक श्री अबूल कलाम के नेतृत्व में उ0नि0 विघादत्त जोशी, उ0नि0 नवनीत भण्डारी, हे0का0 संजय कुमार, का0 मोहन असवाल, का0 जितेन्द्र एस0टी0एफ0, टीम द्वारा अभियुक्त सुरेश शर्मा को जमशेदपुर झारखंड से गिरफ्तार किया गया।
घटना का विवरण
अभियुक्त सुरेश शर्मा पुत्र दयाराम शर्मा मूल निवासी बद्रीश आश्रय, नियर अंकुर गैस एजेंसी, लिसा डिपो रोड, आशुतोष नगर ऋषिकेश का वर्ष 1988 से क्वालिटी नाम से तीर्थनगरी बद्रीनाथ में एक रेस्टोरेन्ट था । वर्ष 1999 में तत्कालीन डीजीसी, क्रिमनल बालकृष्ण भट्ट, जो जनपद चमोली में तैनात थे जिनका सुरेश शर्मा से रेस्टोरेन्ट की भूमि को लेकर विवाद था जो बढ जाने के कारण अभियुक्त ने दिनांक 28.04.1999 को बालकृण भट्ट की दिनदहाडे सरेआम चाकु से गोदकर हत्या कर दी, इस घटना से तीर्थ नगरी बद्रीनाथ दहल उठी अपराधी सुरेश शर्मा घटना में मौके पर गिरफ्तार हुआ परन्तु कुछ समय पश्चात अभियुक्त को जमानत मिल गई, परन्तु जमानत के कुछ दिनो पश्चात ही माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा उक्त अभियुक्त की जमानत खारिज कर दी गई। जिसके उपरान्त गिरफ्तारी से बचने हेतु अभियुक्त सुरेश शर्मा फरार हो गया ।
ईनामी अपराधी की गिरफ्तारी हेतु की गई कार्यवाही का विवरणः-
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ नवनीत सिंह के निर्देशन में फरार अपराधी सुरेश शर्मा से सम्बन्धित पुर्व में किये गये तकनीकी एवं भौतिक सूचनाओं जैसे अपराधी का फिंगर प्रिन्ट, वाईस सैम्पल व अन्य दस्तावेजो का पुनः बारीकी से विशलेषण किया गया। विशलेषण से प्राप्त नए तथ्यों का डिजीटल एवं भौतिक सत्यापन हेतु टीम को महाराष्ट्र, पश्चिमबंगाल एवं झारखण्ड भेजा गया। टीम द्वारा एक संदिग्ध व्यक्ति को चिन्ह्ति किया गया जिसके पास मनोज जोशी पुत्र रामप्रसाद जोशी निवासी 24 परगना, पश्चिम बंगाल का आधार पहचान पत्र था चुकिः अपराधी का 24 वर्ष पुराना फोटोग्राफ होने के कारण वर्तमान में चेहरे की मिलान करना सम्भव नही हो पा रहा था। अतः टीम द्वारा उक्त संदिग्ध के सम्बन्ध में पतारसी सुरागरसी की गई एवं पूर्व में सुरेश शर्मा के कारागार चमोली से फिंगर प्रिन्ट प्राप्त कर उक्त संदिग्ध के उठने बैठने के सार्वजनिक स्थानों से गोपनीय रूप से प्रिंगर प्रिन्ट प्राप्त कर उनका मिलान किया गया एवं चेहरे के मिलान हेतु भी विभिन्न साफ्टवेयर का प्रयोग किया, टीम द्वारा पहचान को स्थापित हो जाने पर अभियुक्त को दिनांक 23.01.2025 को जमशेदपुर झारखंड से गिरफ्तार कर सम्बन्धित माननीय न्यायालय प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त कर उत्तराखण्ड लाया गया।
अभियुक्त सुरेश शर्मा ने पूछताछ में बताया कि उपरोक्त अभियोग में मेरी 40 दिन के बाद जमानत हो गई थी और मैं छूटने के बाद अपने रिश्तेदारों के यहां मुंबई चला गया। कुछ दिन वहां रहने के पश्चात मुझे पता चला कि मेरी जमानत खारिज हो गई और मेरे घर वालों ने मुझे वापस बुलाया किंतु मैं घर वापस न जाकर कोलकाता चला गया। वहां पर मैंने पहले सड़क किनारे ठेली लगाकर खाना बनाने का काम शुरू किया। कुछ समय बाद मैने कपड़े का व्यापार किया तथा लॉकडाउन के बाद से मैं एक मेटल ट्रेडिंग कंपनी का व्यवसाय कर रहा था जो की स्क्रैप का काम करती है। कम्पनी के काम से मै भारतवर्ष के अलग-अलग शहरो में भ्रमण करता रहता हॅू तथा इसी कार्य से जमशेदपुर आया था। जहॅा मैने पहचान छिपाने के लिये मनीश शर्मा नाम रखा तथा उसके पश्चात मनोज जोशी के नाम से अपने दस्तावेज बना लिये। वर्तमान में मेरी एक पत्नी जिसका नाम रोमा जोशी जो पश्चिम बंगाल की रहने वाली है तथा दो पुत्र हैं ।
क्र.स. गिरफ्तारी में सम्मलित पुलिस टीम
1. निरीक्षक श्री अबुल कलाम, एस0टी0एफ0
2. उपनिरीक्षक श्री विघादत्त जोशी, एस0टी0एफ0
3. उ0नि0 नवनीत भण्डारी, जनपद चमोली
4. हे0का0 संजय कुमार, एस0टी0एफ0
5. का0 मोहन असवाल, एस0टी0एफ0
6. का0 जितेन्द्र कुमार, एस0टी0एफ0
क्र.स. मैनुवल एवं तकनीकी सहयोगी टीम
1. उ0नि0 यादवेन्द्र बाजवा, एस0टी0एफ0
2. अ.उ.नि. संजय मेहरोत्रा, एस.टी.एफ.
3. स्व0 हे0का0 वेद प्रकाश भट्ट (पूर्व नियुक्ति एस0टी0एफ0)
4. हे.का. महेन्द्र सिंह, एस.टी.एफ.
5. हे0का0 श्रवण कुमार, सी0सी0पी0एस0
6. हे.का. बृजेन्द्र चौहान, एस.टी.एफ.
7. कान्स गोविन्द बल्लभ, एस.टी.एफ.
8. का. कादर , एस.टी.एफ.